Menu
blogid : 2615 postid : 9

भगवान् क्या इच्छापूर्ति की मशीन हैं ????????

gopalrajuarticles.webs.com
gopalrajuarticles.webs.com
  • 63 Posts
  • 78 Comments

भगवान् क्या इच्छापूर्ति की मशीन हैं ????????

एक समाज विशेष ने तो भगवान् जी को इच्छापूर्ति की मशीन बना लिया है.
आप ने भी संभवतः लोगों को कहते सुना होगा – ” ठाकुर जी दुकान चालासी…”, ” ठाकुर जी बिक्री करासी…”, “ठाकुर जी वर्षा करसी…., “भण्डार भरपूर राखसी….”, लक्ष्मी जी लाभ मोकलो देसी….”…आदि…आदि ……..सारे दिन भर लूट- पात, ईर्षा-द्वेष, गला काटना…और शाम को सवा का प्रसाद भोग लगा दिया…क्या यही आध्यात्म है ????

रूहानियत में जाना है तो सबसे पहले ये मान कर चलिए कि अध्यात्म अलग है और भौतिकवाद अलग. तब ही अंड-पिंड सिद्धांत समझ आएगा और तभी अध्यात्म का असली मज़ा आएगा भैया.

प्रारब्ध, क्रियमाण कर्म और पुरुषार्थ जब तक इनको समझा नहीं जाएगा कुछ पल्ले नहीं परेगा. बस इतना जान लीजिये कि न तो अकेले भाग्य से कुछ मिलेगा नहीं अकेले पुरुषार्थ से. यदि कर्म करने से ही मिला होता तो मजदूर अथवा गधे से अधिक हम नहीं कर सकते, ये सब टाटा-बिरला होते. खूब गुणन-मनन करें. बौद्धिक चर्चा में जाना है ???
तो लोगिन करे : www .astrotantra4u .com

Gopal Raju

Scientist, Writer & Occultist

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh