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रत्न से रोग कैसे ठीक होते हैं
रंत्नो की कार्य पद्धति ठीक रंग चिकित्सा की तरह है | जिस रंग के कारण शरीर के अवयवों में नयूनता आती है, रत्न सूर्य की रश्मियों से वह रंग शोषित करके शरीर में समाविस्ट कर देते हैं | रत्नों से सूक्ष्मतर स्पंदन अपने स्वभाव, गुण तथा कर्मानुसार प्रभाव छोड़ते है और अनेक रोगों से मुक्ति मिलने लगती है |
रत्नों द्वारा तन और मन पर जो सूक्ष्मतर तरंगे अपना प्रभाव छोडती है वह अद्रश्य चेतना का विषय है | उसे रसायन, भोतिक, जैविक आदि शास्त्रों की तरह प्रयोगशाला में जांचा-परखा नहीं जा सकता | परन्तु अब नवीनतम पद्यतियों की सहायता से चैतन्य हुए पदार्थों के परिवर्तन प्रभामंडल को देखते हुए विश्यव्यापी स्टार पर यह माना जाने लगा कि अद्रश्य चेतना वाले विषय में कुछ तथ्य अवश्य है |
(गोपाल राजू कि पुस्तक , “स्वयं चुनिए अपना भाग्यशाली रत्न ” का सार-सन्षेप)
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