|| जानवरों की क़ुरबानी इस्लाम नहीं सिखाता || gopalrajuarticles.webs.com || जानवरों की क़ुरबानी इस्लाम नहीं सिखाता || (कितना अच्छा है इस्लाम)
इस्लाम ने पशुओं के अधिकारों को बहुत महत्त्व दिया है और उनको आदेश दिया है कि उनके अधिकारों की रक्षा करें | हर जीवित प्राणी पर सहानुभूति का पुण्य मिलेगा | सभी प्राणियों पर दया करो | क़ुरान शरीफ़ – “जानवरों को मरना और खेतों को तबाह करना, ज़मीन में ख़राबी फैलाना है और अल्लाह ख़राबी को पसंद नहीं करता |” हदीस – “न तो पशुओं का मांस और न ही उनका रक्त ईश्वर तक पहुँचता है |” दीन-ए-इलाही – “जानवरों की क़ुरबानी इस्लाम नहीं सिखाता बल्कि वह सबक देता है कि सूफी-फकीरों के नक़्शे कदम पर चलो तथा प्यार , मोहब्बत, रहम, करुणा और ममत्व को जीवन का आदर्श बनाओ | सभी प्रकार की पशु हिंसा पाप है | पाक नबी ने मक्का मदीना में ऊट तथा भेड़ों की क्रमश: कुब्क तथा पूंछ काटना न केवल बंद करवाया था बल्कि ऐसे कृत्य को हराम करार दिया था………. |” …… एक अच्छे-सच्चे मुस्लिम वकील मित्र के मुझे लिखे पत्र का सार-सत |
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