- 63 Posts
- 78 Comments
फ़क़ीरी में जो सुख है वो बादशाहत वाला है और अमीरी का सुख धन्ना सेठ वाला है |
जो लोग फ़क़ीरी का मतलब ग़रीबी से लगते हैं, वो सच्चाई को दरअसल नकारते हैं |
फ़क़ीरी की ज़िन्दगी ज़रुरत से ज़िआदा जमा करना नहीं सिखाती, इससे ही संतोष, पवित्रता
और तप की जिंदगी बनती है |
कबीर दास जी कहते हैं –
आखिर यह तन छार मिलेगा,
कहाँ फिरत मगसरी में,
मन लाग्यो मेरा आज फ़क़ीरी में |
भला बुरा सब का सुन लीजे,
कर गुजरान ग़रीबी में,
प्रेम नगर में रहन हमारी,
साहिब मिले सबुरी में,
मन लाग्यो मेरा आज फ़क़ीरी में |
http://facebook.com/profile.php?id=1529704442
http://facebook.com/groups/150986788292071/
Irrespective to caste, community, religion, cult this group is to promote
Quotes, sermons, preecings, life of saint, seers, kalnders, sufies etc.
Read Comments