Menu
blogid : 2615 postid : 994532

गिलोय – अमृत बेल

gopalrajuarticles.webs.com
gopalrajuarticles.webs.com
  • 63 Posts
  • 78 Comments

मनासश्री गोपाल राजू की पुस्तक ‘तंत्र के सरल उपाय‘ का सार-संक्षेप

गिलोय – अमृत बेल

जिनको वैकल्पिक आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में थोड़ा सी भी आस्था है वह गिलोय नामक वनस्पति से अवश्य परिचित होंगे। अपने जीवन दायनी गुणों के भण्डार के कारण इसको अमृत बेल कहा गया है। इसका बोटॅनिकल नाम, ‘Tinospora Cordifolia‘ है। अनेक बीमारियों में इसका उपयोग रामबाण सिद्ध होता है, इसके अनेकों प्रमाण देखने को मिल जाऐंगे।

गिलोय त्रिदोष नाशक है। औषधीय गुणों के भण्डार इस वनस्पती की विशेषता है कि यह स्वयं कभी भी नहीं मरती। इसका उचित रूप से नियमित उपयोग कर लिया जाए तो यह अकारण किसी असाध्यस रोग के कारण किसी भी जीवन का अन्त नहीं होने देती।

गुह्य विधाओं के तंत्र श्रेत्र में भी इसका प्रयोग किया जाता है। परन्तु इसका यह गुप्त भेद अधिकांशतः गुप्तादिगुप्त ही है। कुछ सरल से उपाय गिलोय के दे रहा हूँ। यथाश्रद्धा जीवन में अपना कर देखें। क्या पता किसको किस उपक्रम से कहाँ लाभ मिल जाए।

गोपाल राजू का पूरा लेख पढ़ने के लिए

कृपया क्लिक करें:

http://bestastrologer4u.com/ArticlePDF/PDF%20Giloy.pdf

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh